शुक्रवार, 18 जून 2021

Best Moral Story In Hindi Magic Pearl | जादुई मोती-नैतिक कहानी हिंदी में


Magic Pearl Moral Story In Hindi| जादुई मोती-नैतिक कहानी हिंदी में
Magic Pearl Moral Story In Hindi| जादुई मोती-नैतिक कहानी हिंदी में

 जादुई मोती

सैकड़ो वर्ष पहले की बात है। एक गाँव में एक निर्धन परिवार रहता था। उस परिवार में केवल दो ही सदस्य थे, एक स्वयं रामू व दूसरी उसकी बूढ़ी माँ, जो हर समय खटिया पर बीमार पड़ी रहती थी। पैसे के अभाव में रामू उसकी देख-रेख भली प्रकार से नहीं कर पाता था।

Stories

रामू जंगल से लकड़ियाँ काटकर लाता और उन्हें उचित दामों पर बेचकर जैसे-तैसे अपनी व अपनी माँ की जीविका चलाता था। रामू के बचपन में ही उसके पिता की मृत्यु हो गई थी तभी से परिवार के भरण-पोषण का भार उसके कंधो पर आ गया था।

 मनुष्य अपना स्वामी स्वयं

जब रामू तीन-चार वर्ष का था, तब उसके पिता ने उसे एक सुन्दर सी बकरी लाकर दी थी। उसे रामू बहुत प्यार करता था। इसके लिए वह जंगल से हरी-हरी घास काटकर लाता और खिलाता। इसी तरह कई वर्ष बीत गए।

एक दिन की बात है कि रामू ने जंगल में लकड़ियाँ काटने के बाद अपनी बकरी के लिए टोकरी भर घास काटी और घर चल दिया। दूसरे दिन जब वह उसी स्थान पर पहुँचा तो उसे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि जहाँ से कल उसने घास काटी थी, वहाँ रात भर में फिर उतनी ही लम्बी घास उग आई है। उसने लकड़ी काटने के बाद घास टोकरी भरी और घर लौट आया। तीसरे दिन रामू फिर उसी स्थान पर पहुँचा तो पाया कि आज फिर घास उतनी ही लंबी है जितनी कि कल थी।

अब रामू रोज उसी स्थान पर जाता और लकड़ियाँ काटने के बाद अपनी बकरी के लिए घास काटकर ले जाता। यह क्रम कई दिनों तक चलता रहा। एक दिन उसने सोचा आखिर घास की जड़ मेें ऐसा क्या है? जिससे घास रोज बढ़ जाती है। यह सोचकर उसने घास के नीचे जमीन खोदना शुरू कर दी। कुछ ही देर बाद उसने देखा कि मिट्टी के बीचों बीच कोई चीज चमक रही है। रामू ने हाथ अंदर डालकर उसे निकाला। वह एक मोती थी। रामू के हृदय में खुशी के तार झनझनाने लगे। माँ को मोती दिखाने वह घर पहुँचा।

 श्रेष्ठता

घर पहुँचते ही उसके कदम ठिठक गए। उसकी अपार खुशी को दुःख में बदलते देर न लगी। उसने पाया कि माँ जीवन की अंतिम साँसे गिन रही हैं। उसे देखकर माँ बोली ‘‘बेटा आ गया तू, अपना ख्याल रखना, हमेशा मेहनत से पाया हुआ धन ही खाना, कभी हराम का नहीं, माँ के गले से रूक रूक कर निकलती यह आवाज बिल्कुल ही रूक गई। रामू दहाड़ मार-मार कर रोने लगा।

परोपकार का पौधा

कुछ दिनों तक तो रामू को माँ की बहुत याद आई। वह बेचारा दुःखी मन से अकेला ही रहने लगा। एक दिन रामू को मोती का ध्यान आया। उस मोती को उसने चावल के डिब्बे में डाल दिया था। रामू ने चावल के डिब्बे को संभाला तो उसे डिब्बा पहले से अधिक भारी लगा और जब उसने ढक्कन खोला तो पाया कि डिब्बा चावलों से पूरा भरा है जो कि मोती रखने से पूर्व बहुत खाली था। यह देखकर उसकी आँखें फटी रह गई। उसने अगले ही पल उसमें से चावल निकाले और थोड़े से चावल उसकी तली पर ही पड़े रहने दिये। फिर मोती डाल कर उसे बंद करके रख दिया। अगले दिन जब उसने डिब्बा खोला तो पाया आज फिर डिब्बा चावलों से पूरा भरा है। उसे यह समझते देर न लगी कि मोती जादुई है। अब उसने मोती को रूपये पैसों के डिब्बे में डाल दिया। देखते ही देखते उसके पास अपार धन इकट्ठा हो गया।

वह भी भरकर खर्च करता मगर उसका धन कम ही नहीं होता? इस तरह वह बड़ा वैभवशाली बन गया। जैसे-जैसे वह अमीर होता गया, माँ की कही हर बात उसके दिमाग से निकलती गई। धन ने उसे बहुत लालची बना दिया

एक दिन रामू के पास एक पड़ोसी कुछ पैसा उधार मांगने आया। कुछ नहीं दूंगा, ऐसे भिखमंगे, यहां बहुत आते हैं। निकल जा यहां से। रामू ने चिल्लाकर कहा तो वह आदमी अपना सा मुँह लेकर लौट गया। एक बार मूसलाधार पानी बरस रहा था। सर्दी की भयानक काली रात थी। एक गरीब औरत ने पानी व ठण्ड से बचने के लिए रात गुजारने को रामू के यहाँ जगह मांगी। रामू ने उसे भी बेरहमी से भगा दिया।

 हीरा ने कान पकड़े

मोती मिलने से पहले रामू एक उदार मेहनती आदमी था लेकिन अब उसकी दुष्टता और कृपणता दिनों दिन बढ़ती जा रही थी। दुर्भाग्यवश एक बार उस गाँव में भयंकर अकाल पड़ा। लोग भूख से मरने लगे। पर रामू के यहाँ अकाल की छाया तक नहीं थी। उसके यहाँ अन्न के भण्डार भरे पड़े थे। यहां तक कि वह अपनी मुर्गियों को, बकरी को भी खूब अच्छा अनाज खिलाता था।

आखिर भूख से गाँव वालों ने निर्णय किया कि हम लोग अंतिम बार रामू के पास जाएं और उससे कुछ अनाज उधार देने की विनती करें। लेकिन जब रामू के कानों में गाँव वालों के इस निर्णय की भनक पड़ी तो उसने सोचा इन भिखमंगों के आने से पहले मैं ही क्यों नहीं गाँव छोड़कर चला जाऊँ।

यह सोचकर वह एक धन की पोटली और मोती लेकर शहर की तरफ चल दिया। धन की पोटली उसने राह में खर्च के लिए ली थी। चलते-चलते वह घर से बहुत दूर निकल आया। शाम ढल चुकी थी, अंधेरा छा गया, देखते देखते रात हो गई। जंगल का सूनसान रास्ता था। अचानक तीन डाकुओं ने उसे घेर लिया। रामू तुरन्त उनका मतलब भांप गया। उसने उन तीनों से नजर बचाकर मोती को अपने मुँह में रख लिया क्योंकि वह जानता था कि यह मोती डाकू उससे अवश्य हड़प लेंगे। डरते-डरते उसने धन की पोटली उनके हवाले कर दी। लेकिन तब भी डाकुओं ने रामू के शरीर का झाड़ा लिया, पर उन्हें कुछ भी न मिला। धन की पोटली लेकर तीनों डाकू अपने घोड़े पर सवार होकर चल दिए।

रामू खुश था क्योंकि इतना सब कुछ होने पर भी उसका मोती उसके पास ही था। तीनों डाकू उसके आगे धूल चाटकर लौट चुके थे। रात बहुत गहरी हो चुकी थी। रामू बहुत थका हुआ था। उसने बरगद के पेड़ की मोटी सी डाल पर ही रात गुजारने का निर्णय लिया। वह पेड़ की डाल पर बैठ गया और कुछ ही पल में उसकी आँख लग गई। थकान होने के कारण वह बहुत गहरी नींद सो गया और उसे इस बात का आभास तक न हआ कि वह नींद में कब मोती निगल गया।

सुबह चिड़ियों के मधुर कलरव गूंजने से रामू की आँख खुली। उठते ही इसे बहुत तेज प्यास लगी। उसे ऐसा महसूस हुआ मानो उसके पेट में आग जल रही हो। जीभ और कंठ सूखे जा रहे थे। जल्दी-जल्दी वह समीप की नदी पर बैठ गया और उसका पानी चुल्लू से भर-भर कर पीने लगा। वह बहुत देर तक पानी पीता रहा, पर उसकी प्यास न बुझी। बेचैन रामू नदी के किनारे पेट के बल लेटकर नदी में मुँह लगाकर पानी पीने लगा और घंटो पीता रहा, मगर उसकी प्यास नहीं बुझी। 

थोड़ी ही देर में उसने महसूस किया मानो उसका पूरा शरीर आग की लपटों से घिरा हुआ है। सिर घूम रहा है। हाथ, पैर गर्म हो रहे हैं। सांस लेना मुश्किल हो रहा है। उसकी प्यास ज्यों की त्यों है। वह फिर पानी पीने को झुका। अचानक जल में उसने एक भयानक आकृति देखी। जिसके मुँह से आग और धुएँ की लपटें निकल रही थीं। बड़ी-बड़ी लाल-लाल आंखें से चिंगारी छूट रही थी। 

Top 25 Hindi Story For Reading-हिंदी में कहानियाँ पढ़ने के लिए

रामू को समझते देर न लगी कि वह उसकी आकृति है। यह भयभीत होकर चीखने लगा ‘‘नहीं, ऐसा नहीं हो सकता। मैं रामू हूँं। उसकी आवाज पूरी जंगल में गूंजने लगी। शोर सुनकर पक्षी घबराकर उड़ गए। रामू भयभीत होकर इधर से उधर दौड़ने लगा। किन्तु उसके सारे प्रयत्न व्यर्थ हो गए। रामू राक्षस फिर से आदमी नहीं बन सका।

इस तरह मेहनत करके कमाने वाला हंसमुख रामू माँ की बातों को भूलकर धन के लालच में एक क्रूर भयानक राक्षस बन गया। अब लोग उसके पास आने से भी डरते थे। उसे कोई नहीं पहचानता था कि वह रामू है।

इन्हे भी पढ़े सर्वश्रेष्ठ हिन्दी कहानियाँ-

  1. दुर्गा चालीसा हिंदी में-Durga Chalisa in Hindi
  2. हनुमान चालीसा हिंदी में- Hanuman Chalisa in Hindi
  3. शहद भरे पपीते
  4.  दो सगे भाई
  5. अंधा और कुबड़ा
  6. बंदर की चतुराई
  7. बादशाह और फकीर
  8. लोटे मेें पहाड़
  9. झील महल
  10. बन गया देवताछूना है आकाश
  11. बैलों की बोली
  12. नहीं चाहिए धन
  13. गरीबा का सपना
  14. चाचा के आम
  15. बुद्धिमान व्यापारी-Intelligent businessman
  16. तोते का संदेश-Parrot message
  17. लहर ले जाए
  18. आकाश से गिरा
  19. कोतवाल
  20. सोने की चाबी।
  21. मिला वरदान।
  22. आग ने कहा
  23. चलो काशी
  24. अपनी खोज



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Top 10+ Hindi Story to read online-कहानियाँ आनलाइन पढ़ने के लिए

Hindi Story to read online|Story Read in Hindi-कहानियाँ आनलाइन पढ़ने के लिए Hindi Story to read online-कहानियाँ आनलाइन पढ़ने के लिए  दो सगे भा...